अमरावती मर्डर, हत्या से पहले डर गया था आरोपी पहले भी दो बार सिर काटने की कोशिश की थी, पर कोल्हे जल्दी घर चले गए

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अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या मामले में नया खुलासा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि उमेश कोल्हे की हत्या की कोशिश पहले भी दो बार की गई थी, लेकिन यह विफल रही। हालांकि, तीसरी बार में हत्यारे वारदात को अंजाम देने में कामयाब रहे।

19 जून को उन्हें पहली बार मारने की तैयारी की गई थी, लेकिन मुख्य आरोपी इरफान शेख रहीम डर गया और इस हत्याकांड को उस दिन अंजाम नहीं दिया जा सका। इसके बाद 20 जून को फिर से आरोपियों ने हत्या की प्लानिंग की, लेकिन उमेश को घर से कोई फोन आ गया और वे हत्यारों के वारदात वाली जगह पर पहुंचने से पहले ही दुकान बंद कर चले गए थे। इससे आरोपियों की योजना पर पानी फिर गया।

उमेश कोल्हे हत्याकांड के बड़े अपडेट्स…

  • NIA के अधिकारियों ने मामले में गिरफ्तार इरफान समेत 5 आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर रही है। NIA पूछताछ के बाद आरोपियों को फिर से कस्टडी में लेने के लिए कोर्ट में पेश करेगी।
  • हत्या में इस्तेमाल किए गए बाइक को बरामद कर लिया गया है। बाइक लाल खाड़ी के जंगल में छिपाई गई थी। गाड़ी का नंबर प्लेट को निकाल कर कहीं और फेंक दिया गया था। इसकी जांच भी जारी है।
  • हत्या में इस्तेमाल चायनीज चाकू को 300 रुपए में खरीदा गया था। इसका खर्च मुख्य आरोपी इरफान ने दिया था।
  • कोल्हे की हत्या के विरोध में भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सुरक्षा को देखते हुए अमरावती में 400 से ज्यादा पुलिस के जवान तैनात किए गए।

सिर धड़ से अलग करना चाहते थे, शोर सुन भागे
आखिरकार, 21 जून को योजनाबद्ध तरीके से घात लगकर उनकी हत्या कर दी गई। जानकारी के में अनुसार, हत्यारे कोल्हे का सिर धड़ से अलग करना चाहते थे,, लेकिन पीछे से आ रहे बेटे और बहू के चिल्लाने से वे भाग गए।

दो ऑटो ड्राइवर और चार मजदूर हत्या में शामिल
जांच में यह भी सामने आया है कि इरफान शेख रहीम ने जिन आरोपियों को हायर किया था इसमें से दो ऑटो ड्राइवर और अन्य मजदूर थे। इरफान ने पहले अपने NGO में बुलाकर इनका माइंड वाश किया था, इसके बाद आरोपियों को पैसे का लालच देकर इस हत्याकांड में शामिल किया।

इस हत्याकांड में एक NGO संचालक, एक वेटनरी डॉक्टर, दो ऑटो ड्राइवर और चार मजदूरों को पुलिस ने अभी तक अरेस्ट किया है। मुख्य आरोपी है शेख इरफान शेख रहीम, यह अमरावती के कमला ग्राउंड इलाके का रहने वाला है। जांच में सामने आया है कि यह रायबर हेल्पलाईन नाम की एक NGO चलाता है। इसमें कुल 21 मेंबर थे और सभी अमरावती के रहने वाले हैं

अमरावती कमिश्नर का बयान- सांसद राणा के आरोप में दम नहीं
अमरावती पुलिस कमिश्नर आरती सिंह ने कहा है कि इस घटना के मुख्य आरोपी इरफान शेख रहीम ने ही वारदात के लिए गाड़ियों, हथियार, और पैसों का इंतजाम किया था। अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा के आरोप पर आरती सिंह ने कहा कि उन्होंने बिना एफआईआर देखे हम पर आरोप लगाए हैं। राणा ने दावा किया था कि अमरावती पुलिस इस मामले को दबाने में जुटी थी।

बिजनेस से जलता था दोस्त, हत्या के लिए उकसाया
शुरुआती जांच में सामने आया कि हत्यारों को उकसाने में कोल्हे के दोस्त डॉ युसूफ का ही हाथ था। युसूफ भी इस हत्याकांड में आरोपी है। बताया जा रहा है कि कोल्हे की बिजनेस से जलता था, जिस वजह से उसने साजिश रची और फेसबुक पोस्ट को माध्यम बनाया।

युसूफ ही फेसबुक पोस्ट को शेयर कर हत्यारों को इस्लाम के नाम पर उकसाया भी इतना ही नहीं, किसी को शक न हो इसलिए मोहम्मद यूसुफ उमेश के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था। उमेश ने यूसुफ की बेटी की शादी, बच्चे के स्कूल एडमिशन और कई बार नकद रुपए तक से मदद की थी।

कोल्हे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या है?
उमेश कोल्हे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट रविवार को सामने आया। रिपोर्ट के मुताबिक उनके गले पर 5 इंच चौड़ा, 7 इंच लंबा और 5 इंच गहरा जख्म मिला। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि चाकू के वार से दिमाग की नस को नुकसान पहुंचा था। साथ ही सांस लेने वाली नली, खाना खाने वाली नली और आंख की नसें भी डैमेज हो गई थीं।

4 वॉट्सऐप ग्रुप की शुरू हुई जांच
जांच एजेंसीज ने अमरावती के 4 कथित वॉट्सऐप ग्रुप की जांच शुरू कर दी है। इनके एडमिन से भी आज NIA की टीम पूछताछ करेगी। यह कहा जा रहा है कि उन व्हाट्सऐप ग्रुप में ही उमेश के पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया गया था।

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