भोपाल | बड़े तालाब में बाेट क्लब से 100 मीटर दूर एक से डेढ़ फीट ऊंची पानी की लहराें के बीच रविवार दाेपहर लेक प्रिंसेज (क्रूज) मछुअाराें द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गया। इससे क्रूज में मौजूद 55 पर्यटक दहशत में अा गए। नाराज पर्यटकाें के विराेध के बाद मप्र पर्यटन निगम की जलपरी (मोटर बोट) की मदद से सभी काे सुरक्षित बाेट क्लब पहुंचाया गया। हादसे के 20 मिनट बाद डीप डाइवर ने मछली पकड़ने के लिए बिछाए गए जाल काे काटा। इसके बाद क्रूज काे बाेट क्लब लाया गया। नगर निगम कमिश्नर बी. विजय दत्ता ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं बाहर आकर लोगों ने आपबीती बताई।
उन्होंने बताया कि करीब 12:30 बजे पर्यटकों को 45 मिनट के सफर के लिए निकला क्रूज लौटते वक्त बोट क्लब से 100 मीटर दूर अचानक रुक गया। कैप्टन ने उसे अागे बढ़ाने की तमाम काेशिशें की, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सका। दाे डीप डाइवर्स ने जांच कर बताया कि क्रूज के इंजन अाैर फंखे मछली के जाल में फंसे है।
कई बार जाल में फंसा क्रूज, पहली बार यात्रियों को मोटर बोट से निकालना पड़ा : 27 सितंबर 2011 से बड़े तालाब में क्रूज संचालित किया जा रहा है। इस बीच मछली पकड़ने के जाल में कई बार क्रूज फंसा भी। ये पहला मौका था, जब यात्रियों को किनारे तक पहुंचाने के लिए दूसरी मोटर बोट बुलवानी पड़ी। सूत्रों का कहना है कि क्रूज के रूट पर जाल पड़ने की शिकायत पर नगर निगम ने कुछ मछुअारे के जाल जब्त भी किए, लेकिन कुछ दिन बाद जाल उन्हें लौटा दिए जाते हैं।
सख्त कार्रवाई की जाएगी : ये पता चला था कि क्रूज मछली पकड़ने के जाल में फंस गया है। इसके रूट पर जाल बिछाना गलत है। उस मछुअारे का पता लगाया जा रहा है, जिसका ये जाल था। संबंधित मछली काराेबारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। – बी. विजय दत्ता, कमिश्नर नगर निगम
रूट की रेकी होती है, क्रूज का जाल में फंसना सामान्य घटना : तालाब में मछली पकड़ने के लिए अवैध रूप से मछुअारे जाल डालते हैं। क्रूज अाॅपरेशन शुरू करने से पहले डीप डाइवर्स पूरे रूट की रैकी करते हैं। इस दाैरान जाे जाल रूट पर मिलता है, उस जाल काे काट देते हैं, ताकि जाल में क्रूज का पंखा अाैर इंजन न फंसे। मछली पकड़ने के लिए बिछाए गए जाल में क्रूज का फंसना एक सामान्य घटना है।
– अनिल कुरुप, सीनियर मैनेजर, एमपीटी (बाेट क्लब)
प्रतिबंध के बावजूद कोई डाल गया जाल : बड़े तालाब में 15 सितंबर तक मछली पकड़ना प्रतिबंधित था, लेकिन किसी मछुआरे ने एक दिन पहले ही जाल तालाब में डाल दिया। गंभीर बात यह है कि उसने जाल क्रूज के रूट पर डाल दिया।
दिक्कत कहां थी…
क्रूज के इंजन व पंखें में फंस गया था जाल, इसे काटकर निकाला।
ऐसा पहली बार…
यात्रियों को निकालने के लिए बोट का उपयोग किया गया।
जिम्मेदारी किसकी…
क्रूज को निकालने से पहले बोट क्लब के अफसर रूट की रैकी कराते हैं।
बड़ा सवाल…
अगर रैकी की गई थी तो जाल कहां से आया। क्रूज की जगह कोई नाव होती तो क्या होता?