"मार्क जुकरबर्ग का बड़ा फैसला: मेटा ने बंद किया फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम, लाया नया 'कम्युनिटी नोट्स' मॉडल"
मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने हाल ही में अपने 8 साल पुराने फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को बंद करने का बड़ा फैसला लिया है। यह निर्णय फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लागू होगा, और इसके स्थान पर "कम्युनिटी नोट्स" नामक एक नया मॉडल लाया जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं द्वारा संचालित होगा। मेटा ने इस बदलाव के पीछे कई कारण बताए हैं। कंपनी का कहना है कि उनके थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर्स में कुछ कमियां थीं, जैसे कि राजनीतिक पक्षपात, जिसके कारण कई कंटेंट को अनावश्यक रूप से फैक्ट चेकिंग के दायरे में लाया गया था। जुकरबर्ग ने एक वीडियो में कहा कि वे अपनी नीतियों को सरल बनाने और फ्री एक्सप्रेशन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। कम्युनिटी नोट्स मॉडल, जो एलन मस्क के प्लेटफॉर्म X पर सफल रहा है, यूजर्स को गलत जानकारी की पहचान करने और उसे चिह्नित करने का अधिकार देगा। इस प्रणाली के तहत, यदि कोई उपयोगकर्ता गलत जानकारी साझा करता है, तो अन्य उपयोगकर्ता उस पर टिप्पणी कर सकते हैं और सही जानकारी प्रदान कर सकते हैं। यह बदलाव फेसबुक, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स पर दिखाई देगा। मेटा का कहना है कि वे इस नए मॉडल को अमेरिका से शुरू करेंगे और बाद में अन्य क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जाएगा। इस फैसले को कुछ विश्लेषकों द्वारा ट्रंप प्रशासन के साथ जुड़ाव के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि ट्रंप ने मेटा की नीतियों की आलोचना की थी। जुकरबर्ग ने हाल ही में ट्रंप के इनॉगरेशन फंड में दान भी दिया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे ट्रंप के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रकार, मेटा का यह निर्णय न केवल कंपनी की नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव है बल्कि यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सूचना की सत्यता सुनिश्चित करने के तरीकों को भी प्रभावित करेगा।
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