Jabalpur Highcourt: नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों को शुल्क जमा होने पर मिलेगी परीक्षा और पढ़ाई की अनुमति

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों को निर्धारित क्लीनिकल शुल्क जमा होने पर ही परीक्षा और पढ़ाई की अनुमति मिलेगी। खंडवा निवासी हर्ष भान तिवारी की याचिका पर जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कॉलेजों से शुल्क जमा करवाने के लिए प्रमुख सचिव और नर्सिंग काउंसिल को निर्देश दिए।

Jabalpur Highcourt: नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों को शुल्क जमा होने पर मिलेगी परीक्षा और पढ़ाई की अनुमति

खंडवा, 18 अप्रैल 2025: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि निर्धारित क्लीनिकल प्रशिक्षण शुल्क जमा करने के बाद ही नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों को परीक्षा में शामिल होने और आगे की पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जाएगी। यह आदेश जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ ने खंडवा निवासी हर्ष भान तिवारी की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया।

याचिका में बताया गया कि खरगोन और बड़वानी जिलों में संचालित आठ निजी नर्सिंग कॉलेजों ने क्लीनिकल प्रशिक्षण के लिए निर्धारित शुल्क जमा नहीं किया है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि कॉलेजों को संचालन के लिए यह शुल्क जमा करना अनिवार्य है, लेकिन कई कॉलेज इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अनुरोध किया गया कि कॉलेजों द्वारा शुल्क जमा करने की स्थिति की जांच के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।

युगलपीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कॉलेजों द्वारा शुल्क जमा किया गया है या नहीं, इस मुद्दे पर कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा। हालांकि, कोर्ट ने प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल और अन्य संबंधित पक्षों को निर्देश दिया कि वे कॉलेजों से निर्धारित क्लीनिकल शुल्क अनिवार्य रूप से जमा करवाएं। 

कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि केवल उन कॉलेजों के छात्रों को परीक्षा में बैठने और पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जाएगी, जिनके द्वारा निर्धारित शुल्क जमा कर दिया गया है।