MP NEWS: हाई कोर्ट ने मोबाइल ऐप्स के जरिए डेटा चोरी और साइबर ठगी के मामले में मांगा जवाब

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मोबाइल ऐप्स के जरिए डेटा चोरी और साइबर ठगी के मामले में सॉफ्टवेयर कंपनियों से जवाब मांगा। जबलपुर के अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की जनहित याचिका में ऐप्स द्वारा निजी जानकारी साझा करने और सुरक्षा खतरों को उजागर किया गया। कोर्ट ने मौजूदा कानूनी ढांचे की खामियों पर सख्त रुख अपनाया।

MP NEWS: हाई कोर्ट ने मोबाइल ऐप्स के जरिए डेटा चोरी और साइबर ठगी के मामले में मांगा जवाब

जबलपुर: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मोबाइल ऐप्स के माध्यम से उपयोगकर्ताओं के डेटा की चोरी और साइबर ठगी के गंभीर आरोपों को लेकर सॉफ्टवेयर कंपनियों से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सख्त रुख अपनाया है। 

यह मामला जबलपुर के अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका के आधार पर सामने आया। याचिकाकर्ता ने स्वयं अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि मोबाइल फोन में पहले से मौजूद या गूगल प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर से डाउनलोड किए गए कई ऐप्स उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये ऐप्स उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी, जैसे संपर्क, फाइलें और कैमरा, तक अनावश्यक पहुंच मांगते हैं, भले ही इनका ऐप के कार्य से कोई संबंध न हो। 

मोबाइल बन रहा डेटा चोरी का हथियार

अधिवक्ता गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि कई ऐप्स उपयोगकर्ताओं की जानकारी बिना अनुमति के तीसरी कंपनियों के साथ साझा करते हैं, जिससे साइबर ठगी और धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि मोबाइल फोन अब डेटा चोरी का एक बड़ा माध्यम बन चुका है। देश में डिजिटल क्रांति के साथ-साथ साइबर अपराधों में भी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसमें आम नागरिकों की गोपनीय जानकारी, बैंकिंग विवरण और व्यक्तिगत डेटा चोरी होने की घटनाएं आम हो गई हैं।

कानूनी ढांचे पर उठे सवाल

याचिका में मौजूदा कानूनी ढांचे की खामियों को भी उजागर किया गया। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वर्तमान कानून केवल तभी सक्रिय होते हैं, जब किसी ऐप के जरिए नुकसान हो चुका होता है। ऐसे में जरूरत है कि डेटा चोरी और साइबर ठगी को रोकने के लिए पहले से कड़े नियम और निगरानी तंत्र लागू किए जाएं। 

कोर्ट का सख्त रुख

खंडपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सॉफ्टवेयर कंपनियों और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि डिजिटल युग में नागरिकों की निजता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना अहम है। इस मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट द्वारा उठाए गए कदमों पर सभी की नजरें टिकी हैं।