मौलाना हसन शाह की गिरफ्तारी: न्यायपालिका के खिलाफ बयानबाजी पर कड़ी कार्रवाई

सीटीटुडे | पाकिस्तान में न्यायपालिका के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के बाद तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान
के प्रमुख नेता मौलाना हसन शाह को गिरफ्तार कर लिया गया है। मौलाना हसन शाह ने एक रैली में पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा का सिर कलम करने वाले को एक करोड़ रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश फैला और सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ आतंकवाद निरोधक अधिनियम और धार्मिक घृणा फैलाने की धाराओं में मामला दर्ज किया।
घटना का पृष्ठभूमि:
मौलाना हसन शाह ने लाहौर में आयोजित एक रैली में यह बयान दिया था। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि चीफ जस्टिस का सिर कलम करने वाले को एक करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा। उनके इस बयान ने देशभर में हंगामा खड़ा कर दिया। सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौलाना शाह को गिरफ्तार कर लिया।
सरकार का सख्त रुख:
पाकिस्तान सरकार ने मौलाना हसन शाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए न्यायपालिका के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही, उनकी पार्टी टीएलपी के 1500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि न्यायपालिका के खिलाफ किसी भी प्रकार की नफरत भरी बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का विवादित फैसला:
यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से जुड़ा हुआ है, जिसमें अहमदी समुदाय के एक ईशनिंदा संदिग्ध को जमानत दी गई थी। इस फैसले का विरोध हो रहा था, और इसी संदर्भ में मौलाना हसन शाह ने अपने भड़काऊ बयान दिए थे। उनके बयान के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मौलाना हसन शाह की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में एक बार फिर से न्यायपालिका और सरकार के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी के मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। सरकार ने अपने सख्त रुख से यह साफ कर दिया है कि न्यायपालिका के खिलाफ नफरत फैलाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।