Manipur:मणिपुर में शांति, पर सियासी उथल-पुथल बढ़ी
Manipur:सीएम बीरेन सिंह पर भाजपा के ही 7 विधायकों ने उठाए सवाल,भाजपा के अंदर बढ़ता असंतोष बीरेन सिंह पर कार्रवाई का दबाब
मणिपुर| मणिपुर में भले ही हिंसा और तनाव का माहौल थम गया हो, लेकिन राजनीतिक घमासान और अधिक तेज हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर अब विपक्ष ही नहीं, बल्कि उनकी खुद की पार्टी के विधायकों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
भाजपा के सात विधायकों समेत कुल 10 कूकी विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच की मांग की है। इन विधायकों का कहना है कि मणिपुर में हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र आयोग गठित किया जाना चाहिए, और यदि इस जांच में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को दोषी पाया जाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
इन विधायकों ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कूकी समुदाय के नरसंहार के दौरान मैतेई समुदाय के उपद्रवी तत्वों को खुली छूट दी थी। वहीं, राज्य सरकार ने 7 अगस्त को जारी हुए टेप को फर्जी करार दिया है और कहा है कि इस टेप के माध्यम से अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सरकार ने इस मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई की बात भी कही है।
भाजपा के विधायकों के विरोध के बाद सीएम बीरेन सिंह पर बढ़ा दबाव
भाजपा के सात विधायकों के इस विरोध के बाद पार्टी के भीतर ही सीएम बीरेन सिंह पर दबाव बढ़ गया है। इन विधायकों ने एक ऑडियो टेप जारी करते हुए आरोप लगाया है कि सीएम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हिंसा की छूट दी थी, और इस दौरान पुलिस से लूटे गए हथियारों का भी प्रयोग हुआ था।
इसके साथ ही, विधायकों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे के दौरान भी सीएम बीरेन सिंह को इस मामले में फटकार मिली थी, और उन्हें जनता पर बमों के प्रयोग से बचने की सलाह दी गई थी।
इस तरह की गंभीर आरोपों के बाद अब भाजपा के लिए भी स्थिति काफी पेचीदा हो गई है, और सीएम बीरेन सिंह पर कार्रवाई का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।