BJP :बीजेपी को बहुमत के लिए एनडीए के सहयोगियों की जरूरत 

BJP : एनडीए की सरकार और बीजेपी के बहुमत वाली सरकार में अंतर बताते हुए ट्वीट किया।

BJP :बीजेपी को बहुमत के लिए एनडीए के सहयोगियों की जरूरत 

सीटीटुडे | केंद्र सरकार ने हाल ही में बिना आरक्षण वाले मंत्रालयों में यूपीएससी की लेटरल एंट्री नोटिफिकेशन को वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर इस नोटिफिकेशन को वापस लिया गया, लेकिन इस कदम पर विपक्ष ने इसे अपनी जीत बताया है। राहुल गांधी, अखिलेश यादव, और तेजस्वी यादव ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस मुद्दे पर एनडीए की सरकार और बीजेपी के बहुमत वाली सरकार में अंतर बताते हुए ट्वीट किया। यह पहली बार नहीं है जब मोदी सरकार ने जनभावना को देखते हुए कोई बिल वापस लिया हो। 

मोदी सरकार के फैसले जो जनभावनाओं के चलते वापस लिए गए

2014 के लोकसभा चुनावों में 'मोदी लहर' मानी जा रही थी, और 2019 के चुनावों में 'मोदी मैजिक' ने बीजेपी को 303 सीटें दिलाई थीं। हालांकि, 2024 के 18वीं लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं, और 240 सीटों पर सिमट गई। इसके बावजूद एनडीए को 392 सीटें हासिल हुईं और पीएम मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनी। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें से कई का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया। फिर भी, सरकार अपने बहुमत के दम पर इन्हें पारित कराने में सफल रही। लेकिन 2024 में जब बीजेपी को बहुमत के लिए एनडीए के सहयोगियों की जरूरत पड़ी, तब मोदी सरकार को कुछ फैसलों पर पीछे हटना पड़ा।

विवादास्पद बिल जिन्हें सरकार को वापस लेना पड़ा

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में लेटरल एंट्री:हाल ही में यूपीएससी ने केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में 45 पदों के लिए लेटरल एंट्री का नोटिफिकेशन जारी किया था। इस पर आरक्षण को लेकर विपक्ष और बीजेपी की सहयोगी पार्टियों ने कड़ा विरोध जताया। प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बाद इस विज्ञापन को वापस लिया गया।

वक्फ बोर्ड बिल: मोदी सरकार तीसरे कार्यकाल में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लेकर आई थी। लेकिन सदन में इस पर जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष के साथ-साथ कुछ सहयोगी दलों ने भी इसका विरोध किया। आखिरकार, सरकार ने बिल को जेपीसी को भेज दिया।

ब्रॉडकास्ट बिल 2024: तीसरे कार्यकाल के पहले ही मानसून सत्र में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बिल को पेश किया था। डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स और इंडिविजुअल कंटेंट क्रिएटर्स ने इस बिल का कड़ा विरोध किया, जिसके बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया और नए मसौदे के साथ फिर से लाने का फैसला किया।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस बिल: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को बजट सत्र में यह बिल पेश किया था। इस बिल में किए गए कुछ प्रावधानों से बिजनेसमैन और आम आदमी दोनों ने नाराजगी जाहिर की। चौतरफा आलोचना के बाद सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए इसे जनता के पक्ष में कर दिया।