सतना: साइबर फ्रॉड में जेल गए बैंक मैनेजर ने फांसी लगाकर दी जान, फर्जी खातों का था आरोप
मैहर के ज्ञान कॉलोनी निवासी मेदनीपाल चतुर्वेदी (42) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। साइबर फ्रॉड मामले में चार महीने पहले गिरफ्तार हुए मेदनीपाल हाल ही में जमानत पर रिहा हुए थे। मैहर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू की है।

मैहर: मध्य प्रदेश के मैहर शहर की ज्ञान कॉलोनी में रहने वाले 42 वर्षीय मेदनीपाल चतुर्वेदी ने अपने घर में दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सोमवार को उस समय सामने आई, जब परिजनों ने मेदनीपाल का शव उनके कमरे में लटकता हुआ देखा। इस दृश्य से परिवार में हड़कंप मच गया और तत्काल मैहर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही, आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
मैहर थाना प्रभारी अनिमेष द्विवेदी ने बताया कि मेदनीपाल चतुर्वेदी इंडसइंड बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। वे एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह से जुड़े होने के मामले में चर्चा में आए थे। इस मामले में फर्जी बैंक खाते खोलने के आरोप में जबलपुर एसटीएफ ने उन्हें चार महीने पहले गिरफ्तार किया था। जमानत पर रिहा होने के बाद मेदनीपाल मैहर में अपने घर पर रह रहे थे।
साइबर फ्रॉड में थी संलिप्तता
जानकारी के अनुसार, जनवरी 2025 में एसटीएफ ने डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के एक बड़े मामले में मेदनीपाल चतुर्वेदी सहित 11 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उन पर फर्जी बैंक खाते खोलकर साइबर अपराधियों की मदद करने का आरोप था। गिरफ्तारी के बाद मेदनीपाल को जबलपुर जेल में रखा गया था, जहां से हाल ही में उन्हें जमानत मिली थी। जमानत पर रिहा होने के बाद वे मैहर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
पुलिस ने शुरू की जांच
मैहर पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हुई है, लेकिन इसके पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए परिवार और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। साइबर फ्रॉड मामले में उनकी संलिप्तता और जमानत के बाद की परिस्थितियों को भी जांच के दायरे में रखा गया है।