Sagar News: रहली जनपद पंचायत में 8.56 लाख का वित्तीय घोटाला, स्थापना प्रभारी निलंबित
सागर जिले की रहली जनपद पंचायत में 8.56 लाख रुपये का वित्तीय घोटाला उजागर हुआ, जिसमें सात पंचायत सचिवों को फर्जी गणना पत्रक के जरिए अधिक एरियर्स का भुगतान किया गया। स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी को निलंबित कर पुलिस शिकायत दर्ज की गई, जबकि जनपद सीईओ खुद को निर्दोष बता रहे हैं। मामले की जांच जारी है।

सागर जिले की रहली जनपद पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं का एक बड़ा मामला सामने आया है। पिछले कुछ समय से अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के चलते जनपद और ग्राम पंचायतों में अनियमितताएं बढ़ रही हैं। ताजा मामला 8.56 लाख रुपये के वित्तीय गबन का है, जिसमें सात ग्राम पंचायतों के सचिवों को नियमों के खिलाफ जाकर बढ़े हुए वेतन के एरियर्स का अधिक भुगतान किया गया। इस मामले में स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी को निलंबित कर उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है, जबकि जनपद सीईओ अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, रहली जनपद पंचायत में सात ग्राम पंचायतों के सचिवों को फर्जी गणना पत्रक तैयार कर बढ़े हुए वेतन के एरियर्स की अतिरिक्त राशि का भुगतान किया गया। इस गबन में शामिल पंचायत सचिवों में नबलपुर के वीरेंद्र गौंड, संजरा के हरगोविंद यादव, नरेटा के राजकुमार लोधी, रतनारी के अशोक बोहरे, सेवास के गोविंद कुर्मी, रतनपुरा के सलामत खान और ऊमरा के दयाचंद कोरी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि यह गबन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से योजनाबद्ध तरीके से किया गया। मामले के उजागर होने के बाद सभी सचिवों से अतिरिक्त दी गई राशि वापस ले ली गई है।
भुगतान प्रक्रिया में खामी
विशेषज्ञों के अनुसार, वेतन एरियर्स का भुगतान करने के लिए पहले स्थापना प्रभारी द्वारा गणना पत्रक तैयार किया जाता है। इसके आधार पर बिल बनता है, जिसे समयपाल दर्ज करता है और जनपद सीईओ के हस्ताक्षर के बाद भुगतान होता है। इस प्रक्रिया में स्थापना प्रभारी, समयपाल और जनपद सीईओ की भूमिका अहम होती है। फिर भी, इस मामले में सिर्फ स्थापना प्रभारी पर कार्रवाई हुई है, जबकि अन्य जिम्मेदार अधिकारी फिलहाल जांच के दायरे से बाहर हैं।
क्या बोले जनपद CEO?
जनपद सीईओ आरजी अहिरवार ने बताया कि स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी ने सात सचिवों के लिए फर्जी गणना पत्रक तैयार कर 8.56 लाख रुपये का गबन किया। उन्होंने दावा किया कि इस अनियमितता को कंप्यूटर ऑपरेटर ने उजागर किया, जिसके बाद जिला सीईओ को सूचित किया गया। जिला सीईओ के निर्देश पर स्थापना प्रभारी को निलंबित कर उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। मामले की जांच जारी है।