बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले रेलवे की सौगात, नई ट्रेनें और बेहतर कनेक्टिविटी का तोहफा

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले रेलवे ने छह नई ट्रेनें शुरू करने की घोषणा की, जिसमें अमृत भारत एक्सप्रेस, वंदे भारत और वंदे मेट्रो शामिल हैं। 24 अप्रैल को पीएम मोदी सहरसा-मुंबई अमृत भारत एक्सप्रेस, दो मेमू ट्रेनें और पटना-जयनगर वंदे मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। इनसे बिहार की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और यात्रियों को टिकट की किल्लत से राहत मिलेगी।

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले रेलवे की सौगात, नई ट्रेनें और बेहतर कनेक्टिविटी का तोहफा

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही राजनीतिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं। विभिन्न दलों के नेता बिहार का दौरा शुरू कर चुके हैं। इस बीच, भारतीय रेलवे ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। रेलवे ने अगले छह महीनों में बिहार के लिए छह नई ट्रेनें शुरू करने की घोषणा की है, जिसमें अमृत भारत एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस और वंदे मेट्रो जैसी आधुनिक ट्रेनें शामिल हैं। इन नई ट्रेनों से बिहार से दिल्ली, मुंबई, पुणे और हैदराबाद जैसे व्यस्त मार्गों पर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, साथ ही टिकट की किल्लत से भी राहत मिलने की उम्मीद है।

24 अप्रैल को पीएम मोदी देंगे नई ट्रेनों की सौगात

रेलवे सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को मधुबनी जिले के दौरे के दौरान वर्चुअल रूप से कई नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। इनमें बिहार की दूसरी अमृत भारत एक्सप्रेस शामिल है, जो सहरसा से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस तक चलेगी। यह ट्रेन सहरसा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और पाटलिपुत्र (पटना) होकर जाएगी। पहले इस ट्रेन को दिल्ली और अमृतसर तक चलाने की योजना थी, लेकिन अब इसे मुंबई तक चलाने का फैसला लिया गया है। 

इसके अलावा, पीएम मोदी दो नई मेमू पैसेंजर ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। पहली ट्रेन सहरसा से सुपौल होते हुए पिपरा तक चलेगी, जबकि दूसरी सहरसा से खगड़िया और अलौली होकर समस्तीपुर तक जाएगी। साथ ही, बिहार की पहली वंदे मेट्रो (नमो भारत एक्सप्रेस) का भी शुभारंभ होगा, जो पटना से जयनगर (मधुबनी) के बीच चलेगी। यह ट्रेन रैपिड रेल तकनीक पर आधारित है और वर्तमान में केवल अहमदाबाद-भुज मार्ग पर ही ऐसी ट्रेन चल रही है।

पटना-दिल्ली स्लीपर वंदे भारत जल्द

रेलवे के मुताबिक, इस साल के अंत तक पटना से नई दिल्ली के बीच स्लीपर वंदे भारत ट्रेन शुरू होने की संभावना है। यह ट्रेन लंबी दूरी के यात्रियों के लिए समय और सुविधा दोनों के लिहाज से फायदेमंद होगी। इसके अलावा, पुणे, बेंगलुरु और सिकंदराबाद जैसे मार्गों के लिए नई सुपरफास्ट ट्रेनों का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है।

रेलवे बजट में बिहार को विशेष ध्यान

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रेलवे को 2.52 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसमें बिहार को 10,066 करोड़ रुपये मिले हैं। यह राशि यूपीए सरकार के समय (2004-2014) के औसत 1,132 करोड़ रुपये से नौ गुना अधिक है। बिहार में रेलवे परियोजनाओं पर कुल 90,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अमृत स्टेशन योजना के तहत बिहार के 98 स्टेशनों को 3,164 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक बनाया जा रहा है। इन स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर, वाई-फाई और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 

बिहार में रेलवे का विस्तार और उपलब्धियां

वर्तमान में बिहार में 12 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, जो 15 जिलों को जोड़ती हैं और 22 स्टेशनों पर रुकती हैं। इसके अलावा, एक अमृत भारत एक्सप्रेस (दरभंगा-आनंद विहार) भी संचालित हो रही है, जो चार जिलों को कवर करती है। बिहार में रेलवे ने 100% इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य हासिल कर लिया है। 2014 से अब तक 3,020 किलोमीटर ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया है। 2009-14 के दौरान जहां प्रतिवर्ष 30 किलोमीटर ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन होता था, वहीं 2014-25 में यह बढ़कर 275 किलोमीटर प्रति वर्ष हो गया। इसी तरह, नई रेल लाइनों का निर्माण भी ढाई गुना बढ़कर 167 किलोमीटर प्रति वर्ष हो गया है।

यात्रियों को मिलेगी राहत

रेलवे की इन नई पहलों से बिहार में कनेक्टिविटी बढ़ेगी और यात्रियों को टिकट की मारामारी से राहत मिलेगी। नई ट्रेनों और आधुनिक स्टेशनों के साथ बिहार में रेल यात्रा अब और सुविधाजनक होने वाली है। चुनावी साल में रेलवे की यह सौगात बिहारवासियों के लिए एक बड़ा उपहार साबित होगी।