Big fraud:सरकारी नौकरी के नाम पर 39 लाख की ठगी: इंदौर में बेरोजगारों से बड़ा फर्जीवाड़ा

INDORE: सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से 39 लाख रुपये ठग लिए गए एवं यह ठगी रेलवे, पोस्ट ऑफिस, एग्रीकल्चर और महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी का वादा करके की गई ..

Big fraud:सरकारी नौकरी के नाम पर 39 लाख की ठगी: इंदौर में बेरोजगारों से बड़ा फर्जीवाड़ा

इंदौर| इंदौर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से 39 लाख रुपये ठग लिए गए। यह ठगी रेलवे, पोस्ट ऑफिस, एग्रीकल्चर और महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी का वादा करके की गई। ठगों ने कुछ पीड़ितों को प्रशिक्षण के बहाने विभिन्न जगहों पर भेजकर भी गुमराह किया।

डाबरी मोहल्ला गौतमपुरा के निवासी रोहित बद्रीलाल चौहान ने संयोगितागंज थाने में इस ठगी की शिकायत दर्ज कराई। रोहित ने बताया कि ठगी का मास्टरमाइंड रविना बौरासी नाम की महिला है, जिसने खुद को भोपाल में एसबीआई में पदस्थ बताया और नेताओं, मंत्रियों से अच्छे संबंधों का दावा किया। उसने रेलवे में नौकरी का प्रलोभन देकर रोहित को मुरैना में 10 दिन तक स्टेशन के पास रुकवाया। 

इस दौरान रविना ने रोहित से कई तरह के दस्तावेज भी लिए और विभिन्न सरकारी पदों पर नौकरी दिलाने का वादा किया। रोहित सहित अन्य बेरोजगार युवाओं ने कुल 39 लाख रुपये ठगों को दिए। फिलहाल ठग महिला पालदा क्षेत्र में रह रही है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

इंदौर में हुए इस बड़े ठगी कांड में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में सायबर क्राइम विभाग को भी शामिल किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ठगों का एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर फंसाता है। 

पुलिस ने रविना बौरासी और उसके साथी अनिल रेसेनिया के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की है, लेकिन अभी तक दोनों आरोपी फरार हैं। पुलिस ने उनके संभावित ठिकानों पर निगरानी बढ़ा दी है और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। 

इसके अलावा, पुलिस ने ठगी के शिकार अन्य पीड़ितों से भी संपर्क किया है। कुछ पीड़ितों ने बताया है कि उन्हें नकली नियुक्ति पत्र और फर्जी दस्तावेज दिए गए थे, जिनमें सरकारी विभागों की मुहरें और सिग्नेचर थे। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि इन फर्जी दस्तावेजों को कैसे और कहां तैयार किया गया। 

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सरकारी नौकरी के नाम पर किसी भी तरह के शॉर्टकट या दलालों से बचें और ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इस मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है, और पुलिस का कहना है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।