Chhattisgarh: साइबर सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार उठाएंगी सख्त कदम
Chhattisgarh:छत्तीसगढ़ में 15 अगस्त से मंत्रालयों में बदलेगा कामकाज का तरीका: ई-ऑफिस के माध्यम से फाइलों का तेजी से निपटारा
छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने सभी विभागों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। सरकार का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बनाना है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में सभी विभागों में आईटी उपकरणों और आधुनिक सॉफ्टवेयर के लिए 266 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मंत्रालयों में 15 अगस्त से ई-ऑफिस का क्रियान्वयन:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है। मंत्रालयों में ई-ऑफिस तकनीक के माध्यम से अब सभी नोटशीट और फाइलें ऑनलाइन प्रबंधित की जाएंगी। इससे कामकाज में पारदर्शिता और गति आएगी। फाइलों के किसी स्तर पर रुके होने की स्थिति में तुरंत जानकारी मिल सकेगी। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मंत्रालय में ई-ऑफिस के क्रियान्वयन की समीक्षा की है, और 15 अगस्त से इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
बजट और अकाउंटिंग मॉड्यूल का विस्तार:
प्रदेश के 168 नगरीय निकायों में ई-गवर्नेंस के तहत बजट और अकाउंटिंग मॉड्यूल स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही 47 नगरीय निकायों में प्रॉपर्टी सर्वे के लिए जीआईएस आधारित सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाएगा, जिससे प्रॉपर्टी टैक्स की प्राप्तियों में पारदर्शिता आएगी। इन कार्यों के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
भारत नेट परियोजना और वाई-फाई की सुविधा का विस्तार:
भारत नेट परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ की 9,804 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने के लिए वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जाएंगे। पहले चरण में 1,000 ग्राम पंचायतों में वाई-फाई की सुविधा के लिए 37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
साइबर सुरक्षा और आईटी टूल्स का उपयोग:
शासन के विभिन्न विभागों द्वारा उपयोग किए जा रहे ई-परिसंपत्ति, मोबाइल एप्स, और वेबसाइटों की साइबर सुरक्षा के लिए आवश्यक जांच और सर्टिफिकेशन की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही, कर प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए सभी विभागों में आईटी टूल्स की सहायता ली जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम राज्य को ई-गवर्नेंस में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। 15 अगस्त से ई-ऑफिस के क्रियान्वयन के साथ, राज्य के प्रशासनिक कार्यों में और भी अधिक पारदर्शिता और दक्षता की उम्मीद की जा रही है।