Raksha Bandhan Special: भिक्षुक बने आत्मनिर्भर, एक लाख राखियों का ऑर्डर पूरा किया

Raksha Bandhan Special:प्रधानमंत्री के भिक्षावृत्ति मुक्त भारत अभियान के तहत इंदौर में भिक्षुकों को मिला आत्मनिर्भर जीवन का मौका|

Aug 19, 2024 - 18:22
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Raksha Bandhan Special: भिक्षुक बने आत्मनिर्भर, एक लाख राखियों का ऑर्डर पूरा किया

इंदौर | इंदौरकी सामाजिक संस्था ‘प्रवेश’ द्वारा शुरू किए गए भिक्षावृत्ति मुक्त भारत अभियान ने भिक्षुकों की जिंदगी को बदल दिया है। पहले जो लोग सड़कों पर भीख मांगकर अपना गुजारा करते थे, आज वही लोग हुनर सीखकर आत्मनिर्भर बन चुके हैं। 2021 में संस्था ने इन भिक्षुकों को कौशल प्रशिक्षण देना शुरू किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि अब इन्हें राखी बनाने के बड़े-बड़े ऑर्डर मिलने लगे हैं। 

इस वर्ष इन्हें एक लाख राखियों का ऑर्डर मिला था, जिसे इन्होंने महज 22 दिनों में पूरा कर लिया। यह राखियां हाथों से बनाई गई हैं, जिनमें रुई, सूत, गोबर, मोती और चमक का इस्तेमाल किया गया है। इस काम से भिक्षुकों को 30,000 रुपये की आय हुई है। इसके अलावा, लायंस और रोटरी क्लब के लिए भी 10,000 राखियां बनाई गईं।

संस्था की संस्थापक-संचालक रूपाली जैन, जो अमेरिका से भारत लौटकर इस अभियान में जुटी हैं, ने बताया कि यहां 31 पुरुष और 14 महिला भिक्षुक रह रहे हैं, जिन्हें तीन से छह महीने के भीतर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

संस्था द्वारा पिछले साल भी 15,000 राखियां बनाई और बेची गई थीं, जिससे प्रेरित होकर इस वर्ष उन्हें बड़े ऑर्डर मिले हैं। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर शुरू किए गए भिक्षावृत्ति मुक्त भारत अभियान का हिस्सा है और अब सफलता की ओर बढ़ रहा है।

संस्था की अनोखी पहल ने बदली जिंदगियां

इस पुनर्वास केंद्र में प्रतिदिन 45 भिक्षुक चार से पांच घंटे तक राखी बनाने का काम करते हैं। इस अभियान ने न केवल इनकी जिंदगी को बदल दिया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी जीवन जीने का अवसर भी दिया है।

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Newsdesk Digital media Head of City Today