kolkata:सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख: कोलकाता महिला डॉक्टर हत्याकांड में स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई आज

kolkata:कोलकाता महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, आज तीन सदस्यीय पीठ करेगी सुनवाई|

kolkata:सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख: कोलकाता महिला डॉक्टर हत्याकांड में स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई आज

कोलकाता | कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक और गंभीर मामले में न्याय की मांग तेज हो गई है, और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ आज, 20 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई करेगी। इस पीठ में जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

 सुप्रीम कोर्ट के स्वतः संज्ञान का आधार

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ वकीलों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर इस अमानवीय घटना पर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की थी। पत्र में लिखा गया था कि यह मामला केवल एक निर्दोष जीवन की क्षति नहीं है, बल्कि यह घटना हमारे समाज और राष्ट्र की आत्मा पर गहरा आघात है। पत्र में इस घटना को न्याय और मानवता के आदर्शों के विरुद्ध बताया गया, जिसे हमारे संविधान ने बनाए रखा है।

वकीलों ने अपने पत्र में कहा कि जिस क्रूरता से इस युवा डॉक्टर का जीवन समाप्त कर दिया गया, उसने पूरे राष्ट्र की सामूहिक चेतना को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला केवल कानून का नहीं, बल्कि हमारे समाज के नैतिक मूल्यों और संवेदनशीलता का भी है।

डॉक्टरों का प्रदर्शन और हड़ताल

इस घटना के बाद से कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार जारी है। सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है, जो अब भी जारी है। रविवार को हड़ताल के चलते सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं बाधित न हों, इसके लिए वरिष्ठ डॉक्टरों ने मोर्चा संभाला।

हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं करना चाहते, लेकिन इस भयावह घटना के विरोध में उनका यह कदम आवश्यक है। एक प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने कहा, "हम मरीजों की परेशानियों को समझते हैं, लेकिन एक ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ हुई इस अमानवीय घटना के खिलाफ हमारा विरोध बहुत प्रासंगिक और जरूरी है।

आगे की कार्यवाही और उम्मीद

सुप्रीम कोर्ट की आज की सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इस मामले में न्याय मिलने की उम्मीद और भी बढ़ गई है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या न्याय की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।

इस मामले ने एक बार फिर देश में महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। न्याय की इस लड़ाई में अब पूरा देश उस दिन का इंतजार कर रहा है जब इस क्रूरता के जिम्मेदारों को उनके किए की सजा मिलेगी।