महंगी जयमालाओं का चलन: शादी और एनिवर्सरी के लिए 30 हजार तक की डिमांड

शादियों और विवाह की वर्षगांठों के अवसर पर आजकल महंगी और डिजाइनर जयमालाओं का चलन बढ़ता जा रहा है। जबलपुर के श्रीनाथ की तलैया स्थित फूलमंडी से लेकर सदर बाजार की फूलों की दुकानों में 3 से 30 हजार रुपए तक की जयमाला उपलब्ध हैं। इन जयमालाओं को बनाने में महंगे सीजनल फूलों, सूखे मेवों, मोर पंख और मोतियों का उपयोग किया जाता है।

Feb 16, 2025 - 16:46
Feb 16, 2025 - 16:48
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10 से 20 हजार तक की जयमालाओं के लिए आर्डर बुकिंग की जाती है, जबकि इससे अधिक कीमत वाली जयमालाओं के लिए ग्राहक को केटलॉक देखकर लगभग 75% राशि एडवांस में जमा करानी होती है। माला बनाने वाले रोहित वीस्टी का कहना है कि उनके पास 3 हजार से 30 हजार तक की माला उपलब्ध है, जिनकी डिमांड विवाह समारोह से लेकर वैवाहिक वर्षगांठ तक में हो रही है।

यदि माला का आकार ढाई फीट है, तो दो जयमालाओं में लगभग 3 किलो सूखे मेवे का इस्तेमाल होता है, जिसकी लागत 5 से 6 हजार रुपए होती है। सजावट पर 1 हजार, निर्माण पर 2 हजार और मुनाफा 1 हजार मिलाकर कुल 10 हजार में दो जयमालाएँ दी जाती हैं। आयातित फूलों की जयमाला भी इसी कीमत पर उपलब्ध होती है। मोर पंख से बनी जयमाला में 4 से 5 किलो मोर पंख का उपयोग किया जाता है, जिसकी कीमत 2 हजार रुपए प्रति किलो होती है। कई ग्राहक 5 फीट तक की जयमाला मांगते हैं, जिससे लागत दोगुनी या अधिक हो जाती है।

जयमाला का आकार ढाई से 5 फीट तक होता है और इसका वजन भी ढाई से पांच किलो तक हो सकता है। यदि केवल मेवे से बनी जयमाला बनाई जाती है, तो इसकी कीमत 15 हजार तक हो सकती है, जिसमें 2 से 3 किलो सूखे मेवे का इस्तेमाल होता है। एक ग्राहक ने अपनी बहन की शादी में मेवे से बनी दो जयमालाएँ बनवाई थीं, जिनकी कुल कीमत 30 हजार रुपए थी। इनमें करीब 8 किलो सूखे मेवे और विदेशी फूलों तथा मोर पंख का इस्तेमाल किया गया था। कार्यक्रम के बाद ये जयमालाएँ युगल को उपहार स्वरूप भी दी गई थीं।

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Newsdesk Digital media Head of City Today