प्रशांत किशोर जदयू में आये थे तो अपने लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री का पद मांगा था, JDU पार्षद का दावा

प्रशांत किशोर जदयू में आये थे तो अपने लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री का पद मांगा था, JDU पार्षद का दावा

पटना   

प्रशांत किशोर पर जदयू पार्षद का बड़ा हमला: उपमुख्यमंत्री पद मांगने का आरोप, 'सिर्फ सत्ता की चाह में कर रहे राजनीति'

बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, सियासी माहौल गर्माता जा रहा है। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर और उनकी जनसुराज पार्टी ने इस बार राज्य की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। अब जनता दल (यूनाइटेड) के एक वरिष्ठ नेता ने प्रशांत किशोर पर सीधा आरोप लगाते हुए बड़ा दावा किया है।

जदयू विधान पार्षद संजय सिंह ने रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब प्रशांत किशोर जदयू में शामिल हुए थे, तब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री पद की मांग की थी। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर सत्ता की राजनीति करते हैं, जनता की सेवा उनका उद्देश्य नहीं है। 

नीतीश कुमार ने उन्हें सम्मान दिया, लेकिन आज वही व्यक्ति उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इस पर संजय सिंह, विधान पार्षद, जदयू ने यह वयान दिया है कि उनकी राजनीति का मकसद सिर्फ कुर्सी है, सेवा नहीं।  ये सिर्फ कुर्सी के लिए काम करते हैं ना कि जनता के लिए। नीतीश कुमार ने इनको काफी सम्मान दिया पर, वो उन्हीं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। ये शुद्ध रूप से व्यापारी हैं। पैसा खपाने के लिए उन्होंने यह पार्टी (जनसुराज पार्टी) बनाया है। 

बिहार में इसी साल यानि 2025 में ही  विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बार बिहार चुनाव कई मायनों में खास है। दरअसल चुनावी रणनीतिकार कहे जाने वाले प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले जनसुराज पार्टी का ऐलान किया था। जनसुराज पार्टी भी बिहार चुनाव में ताल ठोक रही है। जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर खुद बिहार में घूम-घूम कर जनता के बीच जा रहे हैं और जदयू, राजद, कांग्रेस तथा बीजेपी पर एक साथ हमला बोल रहे हैं। इस बीच जनता दल (यूनाइटेड) के एक पार्षद ने प्रशांत किशोर को घेरा है और एक पीके को लेकर एक बड़ा दावा कर दिया है।
 
संजय सिंह ने रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर पर जमकर प्रहार किया है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को नई पहचान दी। बिहार आज देश मे सबसे अधिक तेजी से विकास करने वाला राज्य है।

JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने थे प्रशांत किशोर
आपको बता दें कि साल 2015 में बिहार में नीतीश कुमार की जीत का श्रेय प्रशांत किशोर को ही दिया जाता है। साल 2018 में प्रशांत किशोर जेडीयू के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। हालांकि, साल 2020 में प्रशांत किशोर जदयू से अलग हो गए थे। कहा जाता है कि नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर संसद के अंदर जदयू द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किए जाने के बाद प्रशांत किशोर की जदयू के प्रति तल्खी बढ़ गई थी। प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया था कि पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ने सीएए और एनआरसी पर आपत्ति जताई थी लेकिन संसद में पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन कैसे कर दिया था।