श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री का भारत से है खास नाता, DU की रह चुकी है छात्रा
श्रीलंका में नई सरकार का गठन हुआ है. डॉ.हरिनी अमरासूर्या को देश की 16वीं प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. जो कभी दिल्ली के हिंदू कॉलेज की बेंचों पर बैठकर पढ़ाई करती थीं, अब श्रीलंका की सत्ता की बागडोर संभालेंगी.
हाल के कुछ सालों में भारत के लगभग सभी पड़ोसी देशों में अस्थिरता बनी ही हुई है. श्रीलंका का भी यहीं हाल है, बीते कुछ समय से ये देश आर्थिक तंगी और राजनैतिक उठापटक से जूझ रहा है. फिलहाल में वहां पर अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतत्व में नई सरकार का गठन हो गया है. अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के पहले मार्क्सवादी लीडर हैं, जो राष्ट्रपति का पद संभालने जा रहे हैं. वही अब श्रीलंका की राजनीति में एक नया और ऐतिहासिक मोड़ आ गया है। 54 वर्षीय हरिनी अमरासूर्या को देश की 16वीं प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. हरिनी अमरासूर्या, जो कभी दिल्ली के हिंदू कॉलेज की बेंचों पर बैठकर पढ़ाई करती थीं, अब श्रीलंका की सत्ता की बागडोर संभालेंगी. उनके इस ऐतिहासिक पद पर नियुक्ति ने हिंदू कॉलेज को गर्व से भर दिया है, जो अब तक कई महत्वपूर्ण शख्सियतों को देश को दे चुका है.
श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या DU के हिंदू कॉलेज के 1991 से 1994 बैच की छात्रा थी . दिल्ली से समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन करने के बाद डॉ. हरिनी ने ऑस्ट्रेलिया से एंथ्रोपोलॉजी में मास्टर की डिग्री हासिल की. इसके अलावा आगे उन्होंने एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी से सोशल एंथ्रोपोलॉजी में पीएचडी भी किया. यही नहीं डॉ. हरिनी ने युवाओं, राजनीति, असहमति, एक्टिविज्म, बाल संरक्षण और विकास जैसे मुद्दों पर रिसर्च करने के साथ किताबें भी लिख चुकी हैं.
हरिनी अमरासूर्या का हिंदू कॉलेज से जुड़ाव और उनके कॉलेज के अनुभवों ने भारत-श्रीलंका के बीच संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीदें भी जगाई हैं. नलिन सिंह ने कहा, "जब दोनों देशों के संबंधों के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं, तब हरिनी का यह जुड़ाव निश्चित रूप से दोनों देशों के रिश्तों को सकारात्मक दिशा में ले जा सकता है."
हरिनी अमरासूर्या की नियुक्ति न केवल श्रीलंका बल्कि हिंदू कॉलेज के लिए भी एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है. उनका अकादमिक और राजनीतिक सफर दोनों देशों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा.