छत्तीसगढ़ में पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान, लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म
छत्तीसगढ़ सरकार ने पेट्रोल पंप के लिए राज्य लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म कर दी, अब केवल केंद्रीय नियमों का पालन करना होगा। इससे व्यवसायियों को समय और धन की बचत होगी, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी। यह कदम कारोबार को बढ़ावा देगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।

रायपुर, 15 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ सरकार ने व्यवसायियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए राज्य स्तर पर लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। यह नया नियम 14 नवंबर 2024 को खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत लागू किया गया। अब पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए केवल केंद्रीय पेट्रोलियम अधिनियम के नियमों का पालन करना होगा।
दोहरी प्रक्रिया खत्म, कारोबार को मिलेगी रफ्तार
पहले पेट्रोल पंप खोलने के लिए व्यवसायियों को जिला कलेक्टर के माध्यम से खाद्य विभाग से क्रय-विक्रय लाइसेंस लेना पड़ता था। इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार से अलग-अलग अनुमति लेने की प्रक्रिया समय और धन दोनों की बर्बादी का कारण बनती थी। अब इस दोहरी प्रक्रिया को हटाकर कारोबारी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। व्यवसायियों को अब लाइसेंस नवीनीकरण की झंझट से भी मुक्ति मिलेगी, जिसे पहले हर साल या तीन साल में कराना पड़ता था।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगी ईंधन की पहुंच
इस फैसले से पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया न केवल तेज और कम खर्चीली होगी, बल्कि ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में भी ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी। सरकार का मानना है कि यह कदम उन क्षेत्रों में पेट्रोल पंप की संख्या बढ़ाने में मदद करेगा, जहां अभी ईंधन की कमी है। इससे न केवल आम लोगों को सुविधा होगी, बल्कि बुनियादी ढांचे का विकास और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री का बयान: व्यवसाय के लिए अनुकूल माहौल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "हमारा लक्ष्य छत्तीसगढ़ को व्यवसाय के लिए आकर्षक और अनुकूल बनाना है। अनावश्यक नियमों को हटाकर और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर हम निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाना चाहते हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह निर्णय न केवल व्यवसायियों को राहत देगा, बल्कि जनता को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं भी प्रदान करेगा।
अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
नए नियमों से पेट्रोल पंप स्थापित करने की राह आसान होने के साथ ही राज्य में कारोबारी गतिविधियां बढ़ेंगी। यह कदम छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से न केवल ईंधन की आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि रोजगार सृजन और स्थानीय विकास को भी गति मिलेगी।