ग्वालियर: रेस्टोरेंट में टेबल न मिलने पर मंत्री का हंगामा, फूड सेफ्टी टीम ने की रात में जांच
ग्वालियर में रेस्टोरेंट में टेबल न मिलने पर स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने नाराज होकर फूड सेफ्टी टीम बुलाई और रसोई की जांच करवाई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगा। व्यापारी समुदाय ने कार्रवाई की मांग की, जबकि जांच जारी है।

ग्वालियर, 5 मई 2025: मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के एक रेस्टोरेंट में टेबल न मिलने पर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। रविवार रात ग्वालियर के एक नामी रेस्टोरेंट में मंत्री को टेबल न मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताई और तुरंत फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम को बुलाकर रेस्टोरेंट की जांच करवाई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मंत्री रसोई में जाकर कर्मचारियों से बात करते और खाने की जांच करते नजर आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, मंत्री पटेल पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे की शादी में शामिल होने ग्वालियर आए थे। रात में वे शहर के एक व्यस्त रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे। रेस्टोरेंट में भीड़ होने के कारण स्टाफ ने उन्हें तुरंत टेबल उपलब्ध न होने की बात कही और सीट रिजर्व होने का हवाला दिया। इसे अपनी बेइज्जती समझकर मंत्री ने रेस्टोरेंट की स्वच्छता पर सवाल उठाए और फूड सेफ्टी टीम को बुलाने का आदेश दिया। कुछ ही मिनटों में खाद्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रसोई से खाने के नमूने एकत्र किए।
वायरल वीडियो ने बढ़ाया विवाद
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में मंत्री को रेस्टोरेंट की रसोई में स्टाफ से तीखी बातचीत करते देखा जा सकता है। इस घटना पर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का कहना है कि यह सत्ता के अहंकार का उदाहरण है, जहां छोटी सी बात पर अधिकार का दुरुपयोग किया गया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, रेस्टोरेंट संचालक को रात में पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने एकत्र किए गए नमूनों की जांच शुरू कर दी है, और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री का पक्ष
मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि मंत्री ने केवल रेस्टोरेंट की स्वच्छता को लेकर चिंता जताई थी और यह उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा है।