Nag Panchami 2024: 800 साल पुराना नागतीर्थ शिखरधाम मंदिर बना लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र

Nag Panchami 2024: सतपुड़ा पर्वत की 2200 मीटर ऊंची चोटी पर स्थित यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है

Nag Panchami 2024: 800 साल पुराना नागतीर्थ शिखरधाम मंदिर बना लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र

सीटीटुडे | मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में स्थित प्राचीन नागतीर्थ शिखरधाम भिलटदेव मंदिर में इस साल नाग पंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। यह मंदिर, जो लगभग 800 साल पुराना है, सतपुड़ा की ऊंची पहाड़ी पर स्थित है और निमाड़-मालवा क्षेत्र में विशेष रूप से प्रसिद्ध है। नाग पंचमी के अवसर पर यहां 9 से 13 अगस्त तक मेले का आयोजन किया गया है, जिसमें 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।

 ऐतिहासिक महत्व और किवदंतियां

नागतीर्थ शिखरधाम भिलटदेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह स्थान भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। विक्रम संवत 2012 में मप्र के हरदा जिले के ग्राम रोल गांव में भिलटदेव का प्राकट्य हुआ था, और तब से यह मंदिर भक्ति और श्रद्धा का स्थल बन गया है। सतपुड़ा पर्वत की 2200 मीटर ऊंची चोटी पर स्थित यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। 

महालोक की तर्ज पर विकास कार्य

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इस मंदिर के लिए उज्जैन के महाकाल महालोक की तर्ज पर भिलटदेव महालोक बनाने की घोषणा की थी, जिसके तहत यहां पर भिलटदेव महा नागलोक का निर्माण कार्य जारी है। इस परियोजना का उद्देश्य इस प्राचीन मंदिर के महत्व को और बढ़ाना है और इसे देशभर में प्रसिद्ध करना है।

सुविधाएं और संरचना

हाल ही में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीन किलोमीटर लंबी नई सीसी रोड बनाई गई है। मंदिर का जीर्णोद्धार 2015 में राजस्थानी बंशी पहाड़पुर गुलाबी पत्थरों से किया गया था। प्रसिद्ध संत श्री सियाराम बाबा ने मुआवजे में प्राप्त दो करोड़ 33 लाख रुपये की राशि मंदिर को समर्पित कर यहां चार विशाल छावदार शेड और स्टील की रैलिंग लगवाईं। इसके अलावा, तीन किलोमीटर के पहाड़ी रास्ते पर पांच छायादार शेड भी बनाए गए हैं।

 मेला और उत्सव

नाग पंचमी के अवसर पर यहां पर लगने वाला पांच दिवसीय मेला लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस बार 9 अगस्त से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलने वाले इस मेले में 5 लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। इस मेले में श्रद्धालु भिलटदेव सरकार के दर्शन करते हैं और सतपुड़ा की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं।