मुरादाबाद में सोना तस्करी का पर्दाफाश, पेट में छुपाए 1 करोड़ के सोने के कैप्सूल पकड़े

मुरादाबाद पुलिस ने चार तस्करों को पकड़ा, जिनके पेट से 1 करोड़ रुपये का सोना बरामद हुआ। ये तस्कर टूरिस्ट वीजा पर दुबई से सोने के कैप्सूल लाते थे, जिसमें डॉक्टर और फाइनेंसर भी शामिल थे। पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू की।

मुरादाबाद में सोना तस्करी का पर्दाफाश, पेट में छुपाए 1 करोड़ के सोने के कैप्सूल पकड़े
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस ने एक संगठित अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मूंढापांडे थाना क्षेत्र में चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पेट से दुबई से लाए गए 27 सोने के कैप्सूल बरामद किए गए। इन कैप्सूल का कुल वजन 1.058 किलोग्राम है, और इनकी अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। इस गिरोह में फाइनेंसर, ट्रैवल एजेंट, और डॉक्टर समेत कई लोग शामिल थे, जो टूरिस्ट वीजा पर तस्करों को दुबई भेजते थे।
पुलिस पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वे एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा हैं। फाइनेंसर तस्करों को टूरिस्ट वीजा पर दुबई भेजते थे, जहां वे सोने के कैप्सूल खरीदकर उन्हें पानी के साथ निगल लेते थे। भारत लौटने पर वे दो-तीन दिन तक केवल फल और हल्का भोजन करते, जिसके बाद मल के जरिए सोना निकाला जाता। इसके बाद सोना साफ कर फाइनेंसर को सौंपा जाता, और तस्करों को उनका हिस्सा मिलता। इस प्रक्रिया में डॉक्टर भी शामिल थे, जो तस्करों को कैप्सूल निगलने और निकालने की प्रक्रिया में मदद करते थे।
पुलिस की कार्रवाई और बरामदगी
मुरादाबाद पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग अपहरण के शिकार हुए थे, लेकिन जांच में पता चला कि ये लोग सोना तस्कर हैं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चार तस्करों को हिरासत में लिया और उनके पेट से एक्स-रे के जरिए 27 सोने के कैप्सूल बरामद किए। तस्करों के खिलाफ कस्टम एक्ट और भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है, जिसमें फाइनेंसर और ट्रैवल एजेंट भी शामिल हैं।
पुलिस की चुनौतियां और आगे की जांच
मुरादाबाद पुलिस का कहना है कि इस गिरोह का नेटवर्क कई शहरों और देशों तक फैला हो सकता है। भाषा की समस्या और अंतरराष्ट्रीय तस्करी के जटिल नेटवर्क के कारण जांच में चुनौतियां आ रही हैं। पुलिस ने डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) और कस्टम विभाग के साथ मिलकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। स्थानीय पुलिस के अनुसार, गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है।