महापर्व छठ में धर्म पर आस्था भारी, बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करेंगी
बिहार में आम से लेकर खास लोग लोकआस्था के महापर्व छठ की तैयारियों में जुटे हैं. सभी लोग छठ में व्यस्त हैं. सबसे बड़ी बात है कि इस महापर्व पर धर्म पर आस्था भारी दिख रही है.
बिहार में लोकआस्था का महापर्व छठ की तैयारियों में हर वर्ग के लोग जुटे हैं, और खास बात यह है कि इस पर्व में धर्म से परे आस्था भी महत्वपूर्ण बन रही है। प्रदेश के कई इलाकों में मुस्लिम महिलाएं भी इस पर्व में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। मुजफ्फरपुर की सायरा बेगम और सीतामढ़ी की जैमुन खातून जैसी मुस्लिम महिलाएं पिछले कई वर्षों से विधिपूर्वक छठ कर रही हैं। सायरा बेगम ने बताया कि उन्होंने 2015 में अपने पति की सेहत ठीक होने के लिए छठी मैया से मन्नत मांगी थी, जो पूरी हुई, और तब से वह हर साल छठ करती हैं।
इसके अलावा, मुजफ्फरपुर की शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में भी मुस्लिम कैदी छठ व्रत कर रहे हैं, जिनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं। इन महिलाओं का कहना है कि वे पूरी शुद्धता के साथ यह पर्व करती हैं, और दशहरे के बाद घर में लहसुन-प्याज का सेवन भी बंद कर देती हैं। इस तरह छठ पर्व न केवल आस्था और स्वच्छता का प्रतीक है, बल्कि यह सांप्रदायिक सद्भाव का भी संदेश देता है।