Bharatmala Project Scam: EOW's की बड़ी छापेमारी, 43 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा

भारतमाला परियोजना में 43 करोड़ के जमीन अधिग्रहण घोटाले पर ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई शुरू की, 17-20 अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी। मुआवजे में हेराफेरी के आरोप में कई अधिकारी निलंबित, रायपुर, दुर्ग सहित कई जगहों पर जांच जारी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और सबूतों की गहन जांच की तैयारी।

Bharatmala Project Scam: EOW's की बड़ी छापेमारी, 43 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा

रायपुर, 25 अप्रैल 2025: भारतमाला परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण में हुए कथित 43 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार सुबह बड़ी कार्रवाई शुरू की। ईओडब्ल्यू की टीमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 17 से 20 सरकारी अधिकारियों और बिचौलियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही हैं। इस घोटाले में किसानों को दी जाने वाली मुआवजा राशि में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप है, जिसमें अधिकारियों और दलालों ने मिलकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की।

विधानसभा में उठा था मामला, जांच में सामने आई सच्चाई

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब विधानसभा में जमीन अधिग्रहण में अनियमितताओं का मुद्दा जोर-शोर से उठा। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों ने बिचौलियों के साथ साठगांठ कर मुआवजे की राशि में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया। कई मामलों में किसानों को कम मुआवजा देकर बाकी राशि को गलत तरीके से हड़प लिया गया। इस घोटाले में शामिल कई अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

रायपुर से दुर्ग तक छापेमारी, कई अधिकारी निशाने पर

ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार सुबह रायपुर, अभनपुर, आरंग, दुर्ग और भिलाई में एक साथ छापेमारी शुरू की। रायपुर में तात्कालिक एसडीएम निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के आवासों पर टीमें पहुंचीं। इसके अलावा राजस्व विभाग के अन्य अधिकारियों, जैसे पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के ठिकानों पर भी जांच चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जब्त किए गए हैं, जो घोटाले की परतें खोल सकते हैं।

जांच में पता चला कि भारतमाला परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के बदले किसानों को मिलने वाला मुआवजा कई मामलों में गलत तरीके से कम कर दिया गया। अधिकारियों ने कागजी कार्रवाई में हेरफेर कर मुआवजे की राशि को अपने और बिचौलियों के बीच बांट लिया। इस घोटाले ने किसानों के हक को छीनने के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।

आगे की कार्रवाई की तैयारी

ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के बाद जब्त दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी। दोषी अधिकारियों और बिचौलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।