हांगकांग, सिंगापुर और अन्य देशों में कोरोना संक्रमण की नई लहर, मामले तेजी से बढ़े
एशिया में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, विशेषकर हांगकांग और सिंगापुर में, जहां सिंगापुर में 28% वृद्धि और हांगकांग में एक सप्ताह में 31 गंभीर मामले दर्ज हुए। सिंगापुर में जेएन.1 वेरिएंट के प्रकार फैल रहे हैं, जबकि चीन में पॉजिटिव दर दोगुनी हो गई है। भारत में 93 सक्रिय मामले हैं, लेकिन नई लहर की कोई पुष्टि नहीं; विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

कोराना महामारी के काल को कोई भूल नहीं है। इसके पांच साल बाद, दुनिया भर में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़े हैं, खासकर हांगकांग और सिंगापुर में मामले तेजी से बढ़े है। सिंगापुर में मामलों की संख्या 28 प्रतिशत बढ़ गई है, जबकि हांगकांग में सिर्फ एक हफ्ते में 31 गंभीर मामले दर्ज हुए हैं।
सिंगापुर में मई महीने के पहले वीकेंड तक कोरोना मामलों की अनुमानित संख्या 11,100 से बढ़कर 14,200 हुई। रोज़ाना अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी करीब 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार हांगकांग में वायरस हाई इंटेंसिटी पर पहुंच गया है। कोविड-19 मामलों में इस अचानक वृद्धि ने एक नए वेरिएंट की आशंका को भी जन्म दे दिया है।
सिंगापुर: देश में कोविड-19 मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एलएफ.7 और एनबी.1.8, जो जेएन.1 वेरिएंट का एक प्रकार है और नए कोविड-19 टीकों में उपयोग किए जाते हैं, देश में फैल रहे हैं। रोजाना अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या 102 से बढ़कर 133 हो गई, लेकिन रोज आईसीयू में भर्ती होने वालों की संख्या 3 से घटकर 2 हई है।
हांगकांग: हांगकांग में कोविड-19 मामलों में वृद्धि हुई है। चार हफ्ते पहले 6.21 प्रतिशत सैंपल्स के पॉजिटिव होने से बढ़कर 10 मई को वीकेंड में 13.66 प्रतिशत हो गए।
चीन: चीन में कोरोना के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, जो बीते साल की वायरल लहर के चरम के करीब पहुंच रहे हैं। चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक हाल के हफ्तों में कोरोना पॉजिटिव लोगों की दर दोगुनी से अधिक हो गई है।
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड-19 बुलेटिन के अनुसार, भारत में 93 सक्रिय मामले हैं, लेकिन नई कोरोनावायरस लहर की कोई रिपोर्ट नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को घबराने की बजाय बुनियादी सावधानियों का पालन करने की सलाह दी है। हालांकि भारत में गंभीर लहर की संभावना कम है, लेकिन सतर्कता बनाए रखनी होगी।