उत्तर प्रदेश सरकार की 'ऑपरेशन सिंदूर' पहल: सामूहिक विवाह में कन्याओं को मिलेगी 'सिंदूरदानी'
उत्तर प्रदेश सरकार ने सामूहिक विवाह योजना में कन्याओं को 'सिंदूरदानी' उपहार देने की घोषणा की, जो 'ऑपरेशन सिंदूर' से प्रेरित है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त करना और भारतीय सेना के साहस को सम्मान देना है। सहायता राशि को 51,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये और आय सीमा को 2 लाख से 3 लाख रुपये किया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत एक अनूठी और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। सरकार ने फैसला किया है कि सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाली शादियों में कन्याओं को उपहार के रूप में 'सिंदूरदानी' दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य न केवल महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि भारतीय सेना के साहस और देशभक्ति को प्रोत्साहित करना भी है, जिसका प्रतीक 'ऑपरेशन सिंदूर' बन चुका है।
'ऑपरेशन सिंदूर' और इसकी प्रेरणा
'ऑपरेशन सिंदूर' हाल ही में भारतीय सेना द्वारा सीमा पार आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ की गई एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई है। इस ऑपरेशन ने न केवल भारत की रणनीतिक शक्ति और त्वरित कार्रवाई की क्षमता को दर्शाया, बल्कि देशभर में राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति की भावना को भी प्रज्वलित किया। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में 17 नवजात कन्याओं के नाम 'सिंदूर' रखे जाने और तेलंगाना के एक दंपति द्वारा अपनी बेटी का नाम इस ऑपरेशन से प्रेरित होकर 'सिंदूर' रखने की घटनाएं इसकी लोकप्रियता का प्रमाण हैं।
सामूहिक विवाह योजना में नया आयाम
यूपी सरकार की सामूहिक विवाह योजना पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है। अब इस योजना में 'सिंदूरदानी' को उपहार के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। यह सिंदूरदानी न केवल एक पारंपरिक सौंदर्य प्रसाधन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में सुहाग का प्रतीक भी है। सरकार का मानना है कि यह कदम कन्याओं में आत्मविश्वास और गर्व की भावना जागृत करेगा।
इसके साथ ही, सरकार ने योजना के तहत लाभ लेने की शर्तों में भी बदलाव किया है। कन्या पक्ष की अधिकतम वार्षिक आय सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही, प्रति जोड़े को दी जाने वाली सहायता राशि को 51,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। यह लाभ केवल उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों को ही मिलेगा।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस फैसले को लेकर जहां कुछ लोग इसे महिलाओं के सशक्तिकरण और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ ने इसे राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया कदम बताया है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने टिप्पणी की, "ऑपरेशन सिंदूर अब ऑपरेशन वोटबैंक बन चुका है। बीजेपी सेना की उपलब्धि को निचोड़ लेना चाहती है।" दूसरी ओर, कई लोग इसे देशभक्ति और परंपरा के सम्मान के रूप में देख रहे हैं।