Bangladesh : छात्रों द्वारा सरकारी नौकरियों में लागू कोटा प्रणाली में सुधार की मांग
बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में छात्र सरकारी नौकरियों में लागू कोटा प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन को काफी हद तक रोक रही है। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने फर्स्ट और सेकंड क्लास की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए चल रहे विरोध प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई है। छात्रों की मांग है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए प्रतिभा के आधार पर सीटें भरी जाएं।
हालांकि, देखा जाए तो छात्र जिस आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की मांग कर रहे हैं वह मौजूदा समय में है ही नहीं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों और पौत्र-पौत्रियों के लिए 30 फीसदी आरक्षण लागू करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई हुई है।
झड़प के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज :
ढाका के विभिन्न स्थानों पर गुरुवार को छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए। बीआरएसी विश्वविद्यालय के पास मेरुल बड्डा में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया और पुलिस से भिड़ गए। इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए। ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, सुबह तक पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे इलाके में यातायात बाधित हो गया।
इसके अलावा, छात्रों ने प्रगति सरनी पर बसुंधरा आवासीय क्षेत्र के प्रवेश द्वार को जाम कर दिया और जतराबाड़ी में ढाका-चटगांव राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। इससे सार्वजनिक परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ। मीरपुर 10 गोल चक्कर और आसपास के इलाकों में भी भारी पुलिस बल तैनात है, कई स्थानीय बाजार और दुकानें बंद हैं।
कई विपक्षी दलों की भी एंट्री :
शुरुआत में छात्रों का प्रदर्शन काफी शांतिपूर्ण था, लेकिन बाद में इसमें विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी समेत कई विपक्षी दलों की भी एंट्री हो गई। बाद में विपक्ष के छात्र संगठनों और सत्ता पक्ष के छात्र संगठनों में हुई झड़पों के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गए। सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर छात्रों को भड़काने और प्रदर्शन की आड़ में अपने सियासी हित साधने के आरोप लगाए हैं।