प्रवेश वर्मा: मैनेजमेंट की डिग्री, दो बार सांसद... फिर भी दिल्ली सीएम की रेस से बाहर, क्या हैं कारण?
नई दिल्ली, 20 फरवरी 2025: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता प्रवेश वर्मा, जो दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत चेहरा माने जाते हैं, एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार सीएम की कुर्सी से चूकने के लिए। हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से 4,089 वोटों से हराया, जिसने उन्हें सीएम पद के प्रबल दावेदार के रूप में स्थापित किया।
प्रवेश वर्मा का राजनीतिक करियर प्रभावशाली रहा है। वह दिल्ली के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और पश्चिमी दिल्ली से दो बार (2014 और 2019) लोकसभा सांसद रह चुके हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता भी उल्लेखनीय है—उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से बीए और फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से मैनेजमेंट में मास्टर्स (MBA) डिग्री हासिल की है। इसके अलावा, वह 2013 में महरौली से विधायक भी रह चुके हैं, जिससे उनकी राजनीतिक समझ और अनुभव साफ झलकता है।
हालांकि, दिल्ली के नए सीएम के रूप में रेखा गुप्ता को चुने जाने के बाद प्रवेश वर्मा की दावेदारी धूमिल पड़ गई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी ने परिवारवाद के आरोपों से बचने और एक नया चेहरा पेश करने के लिए रेखा गुप्ता पर दांव लगाया, क्योंकि प्रवेश वर्मा साहिब सिंह वर्मा के बेटे होने के कारण परिवारवाद की आलोचना का शिकार हो सकते थे। इसके अलावा, जाट समुदाय से ताल्लुक रखने के कारण भी उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठे, जैसा कि कुछ राजनीतिक चर्चाओं में देखा गया।
प्रवेश वर्मा अब भी बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण नेता बने हुए हैं और माना जा रहा है कि उन्हें मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनकी लोकप्रियता और अनुभव दिल्ली की राजनीति में भविष्य में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन फिलहाल सीएम की कुर्सी उनके हाथ से निकल गई।