Indore: कर्ज के बोझ से दबकर युवती ने की आत्महत्या, परिवार को नहीं थी कर्ज की जानकारी

इंदौर में बैंक सेल्स एक्जीक्यूटिव शालू ने 6 लाख के कर्ज और वसूली एजेंटों के दबाव से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उसने हाथ की नस काटने की कोशिश की और फिर चौथी मंजिल से कूद गई। पिता ने कहा कि यदि शालू ने कर्ज के बारे में बताया होता, तो वे उसका कर्ज चुका देते।

Indore: कर्ज के बोझ से दबकर युवती ने की आत्महत्या, परिवार को नहीं थी कर्ज की जानकारी

कर्ज से परेशान होकर इंदौर में एक युवती ने जान दे दी, वह इंदौर में एक बैंक में सेल्स एक्जीक्यूटिव का काम करती थी। उसने हाथ की नस काट कर आत्महत्या करने की कोशिश की। बाद में , लेकिन उसके परिवार को उसने कर्ज के बारे में कभी नहीं बताया।

पिता का कहना है कि यदि बेेटी हमसे कर्ज के तनाव के बारे में बता देती तो हम कर्ज निपटा देते। शालू पिता परमानंद मूलत: भोपाल की रहने वाली है। उनसे कुछ बैंकों से कर्ज लिया था। वह इंदौर में सिलिकाॅन सिटी में रहती थी। उस पर छह लाख रुपये का कर्ज उस पर था। किश्त न भर पाने के कारण वसूली एजेंट युवती को बार-बार काॅल करते थे और  घर पर भी आते थे। इससे युवती परेशान हो चुकी थी।

युवती ने दो दिन पहले नुकिली वस्तु से अपने हाथ की नस काटने की कोशिश की थी और फिर कमरे से बाहर निकाल कर बरामदे में आ गई थी और चौथी मंजिल से कूद गई। उसे आस पड़ोसियों ने अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।

पुलिस ने शव भोपाल से आए पिता को सौंप दिया। पिता परमानंद ने बताया कि वे अहमदाबाद में एक कंपनी में काम करते हैै। पत्नी और दो बेटियां भोपाल में रहती थी, जबकि शालू इंदौर मेें काम करती थी।पिता ने कहा था कि जिस दिन शालू ने आत्महत्या की थी। उस दिन उससे बात हुई थी, लेकिन बातों से पता नहीं चला कि वह तनाव में है। शालू ने छह लाख का कर्ज लिया था, लेकिन न कभी कर्ज के बारे में बताया और न किश्ते चूकने के बारे में जिक्र किया। पिता ने बताया कि वह अमन नामक युवक से शादी करना चाहती थी। हमने पहले इनकार किया, लेेकिन बाद में राजी हो गए, लेकिन लड़के नेे इतनी डिमांड कर दी कि शालू ने मना कर दिया। तब भी वह कुछ समय तक तनाव में थी।