कन्नौज की विशेष तिल पट्टी: सावन और भादो की मिठास
UP : कन्नौज में एक खास किस्म की पट्टी बहुत प्रसिद्ध है, जो तिल से बनी होती है। यह पट्टी विशेष रूप से सावन और भादो के महीनों में बनती है। इस पट्टी का सबसे प्रमुख स्थान कलावती गट्टा है, जो लगभग 101 साल पुरानी कन्नौज की सबसे प्रसिद्ध दुकान है। तीज त्यौहार के दौरान इस पट्टी का विशेष महत्व होता है। यह पट्टी साल में केवल दो महीने ही बनती और बिकती है।
कन्नौज मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित कलावती गट्टा भंडार, अजय पाल रोड लखन चौराहा के पास प्रसिद्ध है। सावन माह में तीज का प्रमुख त्योहार होता है, जिसके दौरान मिठाई की जगह इस तिल की पट्टी का प्रयोग होता है। लोग इसे रिश्तेदारी में उपहार के रूप में भी ले जाते हैं। जुलाई और अगस्त के महीनों में ही यह पट्टी बनाई और बेची जाती है। सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, मैनपुरी समेत दूर-दूर से लोग यहां पर तिल की पट्टी लेने आते हैं।
इत्र की खुशबू वाली तिल पट्टी :
यह तिल की पट्टी दो प्रकार से तैयार की जाती है। एक गुलाब की पट्टी और दूसरी मेवा की पट्टी। गुलाब की पट्टी में गुलाब के फूल की पत्तियों का प्रयोग होता है, जबकि मेवा तिल वाली पट्टी में केवड़ा इत्र, किशमिश और गरी का प्रयोग होता है। गुलाब पट्टी 80 रुपये प्रति किलो और मेवा पट्टी 100 रुपये प्रति किलो की मिलती है।