Ayushman Yojana : आयुष्मान योजना में एक माह में 38000 मरीजों के क्लेम रिजेक्ट
Ayushman Yojana : आयुष्मान योजना में एक माह में 38000 मरीजों के क्लेम रिजेक्ट

भोपाल। Ayushman Yojana : आयुष्मान योजना के तहत पात्र हितग्राहियों का पंजीयन होने के बावजूद, आयुष्मान पोर्टल से उनके दावे को अस्वीकार कर दिया जा रहा है। इसके अलावा अस्पतालों में मरीजों से नगद पैसा वसूला जा रहा है। और कई मरीजों को बिना उचित इलाज के ही वापस भेज दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत निरामय पोर्टल से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले एक माह में 38,000 क्लेम रिजेक्ट कर दिए गए हैं।
इन वजहों के कारण होता है रिजेक्ट क्लेम
कुछ मामलों में 10 से 15 फ़ीसदी दावों को फिंगरप्रिंट नहीं मिलने के कारण अस्वीकार किया गया है। अन्य मामलों मेंअस्पतालों द्वारा पूरी जानकारी पोर्टल को प्रदान नहीं की जाती है। जिससे पोर्टल दावे को अस्वीकार कर देता है। आयुष्मान योजना में दावा स्वीकार किया जाता है। जब फिंगरप्रिंट मिलता है। बुजुर्गों, जले हुए मरीज केस के, और कैंसर के मरीजों के मामले में आमतौर पर फिंगरप्रिंट नहीं मिलता है। जिससे उनका इलाज होने में दिक्कत होती है।
जानिए कितने क्लेम रिजेक्ट हुए
पिछले एक माह में इंदौर में 3548 ग्वालियर में 7873, जबलपुर में 9600, रीवा में 8600, भोपाल में लगभग 2900, दतिया में 3421, और रतलाम में लगभग 900 क्लेम रिजेक्ट किए गए है।
मरीजों से वसूले जाते हैं 30 से 50000
जब आयुष्मान योजना के पात्र मरीजों का प्रकरण आयुष्मान पोर्टल से अस्वीकार किया जाता है, तो अस्पताल वाले मरीजों से नगद पैसा जमा करवाकर ही उनका इलाज करते हैं। यहाँ तक कि आयुष्मान योजना के हितग्राहियों से अस्पतालें 30 से लेकर 50,000 रुपये तक वसूल रही हैं। इसके परिणामस्वरूप आयुष्मान योजना का लाभ गरीबों को प्राप्त नहीं हो रहा है।
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