Ram Van Gaman Path: श्रीराम वनगमन पथ में जोड़े जाएंगे 25 नए स्थान, जानिए किन जगहों को किया गया चिह्नित

Ram Van Gaman Path: श्रीराम वनगमन पथ में जोड़े जाएंगे 25 नए स्थान, जानिए किन जगहों को किया गया चिह्नित

Ram Van Gaman Path: श्रीराम वनगमन पथ में जोड़े जाएंगे 25 नए स्थान,  जानिए किन जगहों को किया गया चिह्नित

 छत्तीसगढ़Ram Van Gaman Path in Chhattisgarh: श्रीराम का नाम लेते ही उनके जीवन संघर्ष और वनगमन का जिक्र जरूर आता है। छत्तीसगढ़ सरकार के लिए, श्रीराम वनगमन पथ परियोजना एक सपने की तरह है। वर्तमान में, इस परियोजना में 75 स्थान हैं। जिनमें 23 से 25 स्थान जोड़े जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में श्रीराम ने दक्षिण कोसल यानी छत्तीसगढ़ में 2,226 किमी की यात्रा के साथ 12 चातुर्मास किए थे। 

कांग्रेस सरकार ने राम वनगमन पथ से जुड़ी जगहों को 75 स्थानों के रूप में चिन्हित किया था। और इसे नए पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया था। इस परियोजना के पहले चरण में नौ जगहों पर काम शुरू हो चुका है। जिनमें उत्तरी छत्तीसगढ़ से लेकर कोरिया और दक्षिण में सुकमा शामिल हैं। छत्तीसगढ़ को राम का ननिहाल कहा जाता है। क्योंकि चंदखुरी (जिसे प्राचीन नाम वाल्मीकी रामायण-चंद्रपु्री भी कहा जाता है) में माता कौशल्या का जन्म स्थान है।इस पूरे प्रोजेक्ट का कुल खर्च अब तक 137 करोड़ रुपए जा चुके है।

श्रीराम वनगमन पर्यटन परिपथ में विशाल रूप में श्रीरामजी की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं। इस क्षेत्र में राम वाटिका और अन्य विकास कार्य आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही एक रामायण व्याख्या केंद्र, कैफेटेरिया, सियाराम कुटीर, पर्यटक सूचना केंद्र, परिपथ के दोनों ओर पौधरोपण, और आकर्षक लाइटिंग सहित अन्य सजावटें भी शामिल हैं।

पर्यटन मंडल ने इन स्थानों को चिह्नित किया है-

1. सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया)
2. रामगढ़ (अंबिकापुर)
3. शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा)
4. तुरतुरिया (बलौदाबाजार)
5. चंदखुरी (रायपुर)
6. राजिम (गरियाबंद)
7. सिहावा-साऋषि आश्रम (धमतरी)
8. जगदलपुर (बस्तर)
9. रामाराम (सुकमा)