Amit Shah On Electoral Bonds: चुनावी बॉन्ड पर अमित शाह ने कांग्रेस-विपक्ष को दिया करारा जवाब

Amit Shah On Electoral Bonds: चुनावी बॉन्ड पर अमित शाह ने कांग्रेस-विपक्ष को दिया करारा जवाब

Amit Shah On Electoral Bonds: चुनावी बॉन्ड पर अमित शाह ने कांग्रेस-विपक्ष को दिया करारा जवाब

Amit Shah On Electoral Bonds:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर चल रहे विवाद पर कांग्रेस और विपक्षी दल को घेरते हुए कहा कि इस बॉन्ड को भारतीय राजनीति से काले धन का वर्चस्व समाप्त करने के लिए लाया गया था। इसमें गलत कुछ भी नहीं था। शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलें को सबको मानना पड़ता है। इस पर अभी सोमवार को और सुनवाई होनी है, मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। अमित शाह ने कहा, "कोई मुझे समझा दे कि बॉन्ड से पहले चंदा किस तरह आता था, कैसे आता है। पहले कैश से चंदा आता था, जिसकी जानकारी कभी मिल नहीं पाती थी। पहले जो कैश में चंदा देते थे, क्या कभी उनका नाम जाहिर हुआ है। इसका जवाब मुझे चाहिए।

केस वाली कंपनियों के चंदे पर दिया जवाब

अमित शाह ने कहा कि ईडी और सीबीआई के केस चल रहे हैं उन कंपनियों के चंदे पर जिन्होंने चंदा दिया है, लेकिन उन्होंने भी यह बताया कि पहले भी बड़ी कंपनियाँ चंदे देती थीं, लेकिन उनका कोई नाम सामने नहीं आया है। वे बीजेपी के चंदे को सांसदों के चंदे की तुलना में नहीं बताना चाहते।

सांसद और सदस्यों की तुलना में ज्यादा नहीं बीजेपी का चंदा

शाह ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर विपक्ष को घेरा और कहा कि राहुल गांधी ने दुनिया में सबसे बड़ी उगाही का जरिया इलेक्टोरल बॉन्ड बताया है, और उन्होंने इस बारे में सवाल उठाया कि इसे कौन लिखकर देता है।

 विपक्ष की तुलना में बीजेपी के पास कम राशि का बॉन्ड

अमित शाह ने आगे कहा कि "बीजेपी को कुल 6 हजार करोड़ रुपये का बॉन्ड मिला है। बाकी का कहां गया है। विपक्ष को भी अलग-अलग राशि मिली है। अब अगर 13 राज्यों में और 303 सांसद, 11 करोड़ सदस्यों वाली पार्टी यानी बीजेपी का योग मिला लें तो यह ज्यादा नहीं है।

हिसाब खुलेगा तो कोई सामना नहीं कर पाएगा

शाह ने बॉन्ड को लेकर कहा कि हमारे पास इतने सांसद होने के बाद भी 6 हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले हैं। उन्होंने कहा कि अभी मानो कांग्रेस के 35 सांसद हैं।अगर इनके पास इससे ज्यादा 300 से ऊपर होते तो इनका क्या होता, इस हिसाब से टीएमसी को 20 हजार करोड़ के बॉन्ड मिल गए होते। बीआरएस को 40 हजार करोड़ के बॉन्ड मिले होते और कांग्रेस को 9 हजार करोड़ के बॉन्ड मिलते। लेकिन ऐसा है। तो   जब हिसाब खुलेगा तो इनमें से कोई सामना नहीं कर पाएगा।