Lok Sabha Election: देश की कई सीटें पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

Lok Sabha Election: देश की कई सीटें पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

Lok Sabha Election: देश की कई सीटें पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

नई दिल्ली।Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। जहां एक ओर भाजपा दावा कर रही है। कि वो एनडीए से 400 सीटों से ज्यादा जीतेगी। लेकिन यह चुनावी जंग आसान नहीं है। क्योंकि कई सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा और कांग्रेस मजबूती से आमने-सामने है। जिसके चलते विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा उठाए मुद्दें उठाए जा रहे है। विपक्ष मुस्लिम के वोटबैंक के समूहों को लुभाने के लिए जनता के मुद्दों को उठाते हुए भाजपा की कमियां दिखाने की कोशिशें कर रहा है। 

राजस्थान में मजबूत भाजपा सरकार

पहले राजस्थान की बात करते हैं, जहां भाजपा मजबूत नजर आ रही है, लेकिन नए मुख्यमंत्री के साथ बदलते समीकरणों में कांग्रेस के लिए भी अवसर हैं। असम में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा से दमखम दिखाया है, लेकिन इसका लोकसभा चुनाव पर क्या प्रभाव होगा, यह देखना होगा। 

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को उम्मीद

छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सत्ता गवादी। लेकिन यहां पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारकर अपनी उम्मीद बनाए रखी है। हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को उम्मीद है।कि वे इस बार साथ मिलकर कुछ सीटें जीत सकें। दिल्ली में सात सीटों पर सीधा मुकाबला होगा। क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भाजपा के खिलाफ साथ में लड़ेंगी।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मिलकर करेगी मुकाबला

जानकारों के अनुसार इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, दिल्ली में आम आदमी पार्टी, बिहार में आरजेडी और तमिलनाडु में डीएमके के साथ मिलकर मुकाबला कर रही है। 

कांग्रेस और आप की सहमति पर क्या होगा बदलाव?

कांग्रेस और आप के बंधन के बावजूद कई राज्यों में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने होगी। सीधे मुकाबले में भाजपा की पहली जैसी बढ़त के मुकाबले विपक्ष की स्थिति में सुधार के द्वार खुले हैं। पिछली बार कांग्रेस मध्य प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत सकी। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा था। पिछले दो चुनाव में कांग्रेस गुजरात में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस बार कांग्रेस और आप की सहमति से क्या बदलाव हो सकता है। देखना बाकी है।