गुटखा खाने से बंद हुआ मुंह, डॉक्टरों ने छाती की मांसपेशियों से बनाया नया जबड़ा

भोपाल के बीएमएचआरसी में जबड़े के कैंसर से पीड़ित मरीज की जटिल सर्जरी हुई. 10 साल तक गुटखा खाने से मुंह बंद हो गया था और कैंसर हड्डी तक फैल चुका था. आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क सर्जरी की गई, जिसमें छाती की मांसपेशी से नया जबड़ा तैयार किया गया.

गुटखा खाने से बंद हुआ मुंह, डॉक्टरों ने छाती की मांसपेशियों से बनाया नया जबड़ा

भोपाल के डॉक्टरों ने एक अद्भुद चिकित्सा उपलब्धि हासिल की है। एक मरीज, जिसका मुंह गुटखा खाने की वजह से पूरी तरह बंद हो गया था, उसे छाती की मांसपेशियों से नया जबड़ा बनाकर बोलने और खाने की क्षमता वापस दी गई है।

मरीज को ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक गंभीर बीमारी थी, जो गुटखा के अत्यधिक सेवन से हुई। इस स्थिति में जबड़ा इतना सख्त हो गया था कि मुंह खोलना असंभव था। भोपाल के एक प्रमुख अस्पताल की चिकित्सा टीम ने इस चुनौती का सामना करते हुए एक अनोखा समाधान निकाला। उन्होंने मरीज की छाती की पेशी का उपयोग करके नया जबड़ा बनाया, जो इस क्षेत्र में अपनी तरह की पहली सर्जरी मानी जा रही है।

सर्जिकल टीम के प्रमुख डॉ. अनिल शर्मा ने बताया, "मरीज की स्थिति बहुत गंभीर थी, जबड़े में कोई गति नहीं थी। हमने छाती की मांसपेशी का उपयोग किया, क्योंकि यह मजबूत और उपयुक्त थी। इससे नया जबड़ा बनाकर चबाने और बोलने जैसी बुनियादी कार्यक्षमता बहाल की गई।" यह सर्जरी छह घंटे से अधिक समय तक चली, जिसमें चेहरे की नसों और रक्त वाहिकाओं के साथ मांसपेशी को जोड़ने में विशेष सावधानी बरती गई।

मरीज अब रिकवरी के दौर में है और पूर्ण जबड़े की कार्यक्षमता के लिए थेरेपी ले रहा है। 

वहीँ इस सर्जरी की सफलता ने समान समस्याओं से जूझ रहे अन्य मरीजों के लिए उम्मीद जगाई है। अस्पताल अब इस तकनीक में और सर्जनों को प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है।